अयोध्या में एक शादी होती है. दूल्हा पूरी बारात के साथ दुल्हन को लेकर वापस घर लौट आता है. घर में जश्न का माहौल था. पूजा हो रही थी. अगले दिन रिसेप्शन था. लिहाजा, तैयारियां जोरो पर थीं. देर शाम तक घर में गीतों का कार्यक्रम चलता रहा. फिर सब अगले दिन की तैयारी में जल्द सो गए. अगली सुबह घरवाले सोकर उठे और रिसेप्शन की तैयारी में जुट गई. लेकिन दूल्हा और दुल्हन के कमरे का दरवाजा नहीं खुला. घरवालों ने आवाज़ दी. दरवाजा कई बार खटखटाया. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. फिर कमरे का दरवाजा तोड़ा गया और कमरे का अंदर का मंजर देखकर सबके होश उड़ गए. शादी के बाद घर लौटी बारात अयोध्या के रहने वाले प्रदीप की शुक्रवार 7 मार्च को शादी थी. प्रदीप धूमधाम से अपनी बारात लेकर अपने घर शहादतगंज से डीलीसरैया 7 मार्च की शाम पहुंचा था. रात बारात वहीं ठहरी थी. इसके बाद अगली सुबह शनिवार 8 मार्च को 11 बजे दुल्हन शिवानी की विदाई होती है. लगभग दो घंटे का सफर तय कर प्रदीप अपनी दुल्हन को दोपहर एक बजे लेकर घर पहुंचता है. रिसेप्शन की तैयारी घर पर धूमधाम से दुल्हन का स्वागत होता है. फिर शाम 7 बजे घर में ही पूजा होती है. चूंकि दुल्हन ...
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