बिना अनुमति के फोन पर बातचीत रिकॉर्ड करना अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की जानकारी के बिना उसके मोबाइल पर बातचीत को रिकॉर्ड करना अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन है। इसी के साथ फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि पति द्वारा पत्नी की जानकारी के बिना फोन पर उसकी बातचीत रिकॉर्ड करना उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत याचिकाकर्ता के अधिकार का भी उल्लंघन है।दरअसल, हाईकोर्ट एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। महिला ने साल 2019 से लंबित रखरखाव मामले में पति ने आवेदन को अनुमति देने वाले फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।
महिला ने महासमुंद जिले की फैमिली कोर्ट में अपने पति से गुजारा भत्ता पाने के लिए एक आवेदन दायर किया था। पति ने फैमिली कोर्ट में अपनी पत्नी से दोबारा पूछताछ की मांग की कि उसकी मोबाइल रिकॉर्डिंग है, वह उससे जिरह करना चाहता है। मोबाइल पर रिकॉर्ड की गई बातचीत उसके सामने रखना चाहता है।
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वकील वैभव ए. गोवर्धन ने कहा कि फैमिली कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2021 के एक आदेश में महिला के पति के आवेदन को स्वीकार कर लिया। इसके बाद महिला ने साल 2022 में फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
केस डिटेल :~
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CRMP No. 2112 of 2022
टोमन लाल साहू बनाम छत्तीसगढ़ राज्य,डब्ल्यूपीएस नंबर 5287,26/03/2021
याचिकाकर्ता के वकील: वैभव ए. गोवर्धन,
और प्रतिवादी के वकील: तारेंन्द्र कुमार झा।
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