ढाई माह हुए हत्याकांड में नामजद अभियुक्त को सुल्तानपुर पुलिस पकड़ने में हुई नाकाम...
सुल्तानपुर हिस्ट्रीशीटरो को बचाने में जुटी सुल्तानपुर पुलिस
हत्याकांड में अब तक कुल नौ आरोपी जा चुके है जेल,अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी रहने के दौरान आठ मुल्जिमो के खिलाफ जेल भेजने की हुई थी कार्यवाही,इसी मामले में नौंवा आरोपी इस्माइल कुर्की की कार्यवाही शुरू होने के बाद अधिवक्ताओ के विरोध के डर से सुलतानपुर के बजाय लखनऊ जिले के अन्य मामले में जमानत उठवाकर कुछ दिनों पूर्व चला गया था जेल,सिराज की गिरफ्तारी अभी रह गई है शेष,फरार अपराधी सिराज की तलाश कागजो पर दिख रही जारी,हिस्ट्रीशीटर सिराज के खिलाफ चल रहा इनाम,आजाद अहमद हत्याकांड को लेकर पांच दिनों तक चली थी अधिवक्ता संघ की हड़ताल,अधिवक्ता संघ ने मुख्य आरोपी सिराज की गिरफ्तारी एवं पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने समेत अन्य मांगे पूरी न हो जाने तक मुद्दों को लेकर शुरू की थी हड़ताल,फिलहाल सिराज के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही अधिवक्ता संघ ने आजाद हत्याकांड को लेकर आगे हड़ताल जारी रखना नहीं माना था जायज और लौट गए थे काम पर,अधिवक्ताओ की मुख्य मांगो में शामिल हिस्ट्रीशीटर सिराज की आज तक नहीं हो सकी गिरफ्तारी, कुर्की की कार्यवाही की सूचना से संतुष्ट हो गया था अधिवक्ता संघ,मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी व शासन-प्रशासन स्तर पर मिलने वाली आर्थिक मदद दिलाने को लेकर तबसे नहीं उठाया गया कोई कदम,अधिवक्ता के मरने के मात्र कुछ दिनों बाद ही अधिवक्ता परिवार का हुआ ये हाल,अधिवक्ता संघ की मुख्य मांगे ही नहीं हो सकी है आज तक पूरी,आज मृतक अधिवक्ता का परिवार अकेले ही न्याय पाने के लिए जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक हो रहा हैरान,फिलहाल अधिवक्ता संगठन बना है अंजान,ऐसी परेशानी के समय मे अधिवक्ता संघ को अधिवक्ता परिवार के साथ खड़े होने व हर सम्भव मदद करने की जताई जा रही अपेक्षा,अधिवक्ता आजाद परिवार की यह दुर्दशा देखकर अधिकतर अधिवक्ताओ का अपने संगठन के प्रति डगमगा रहा विश्वास
हत्याकांड में सिराज के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही हो जाने के बाद अब बिना उसकी गिरफ्तारी किये ही फरारी में पुलिस दाखिल कर सकती है उसके खिलाफ चार्जशीट,पुलिस के लिए अब सिराज को ढूढ़ने के बजाय फरारी में ही चार्जशीट दाखिल करना हुआ आसान,गिरफ्तार हो चुके अभियुक्तों के जेल की अवधि 90 दिन बीतने के पहले ही पुलिस को अधिवक्ता हत्याकांड में दाखिल करनी है चार्जशीट,देखना है तब तक मुख्य आरोपी सिराज हो पाता है गिरफ्तार या फरारी में आती है उसकी चार्जशीट या शेष अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर पुलिस सिराज के खिलाफ विवेचना रखती है जारी,सिराज की गिरफ्तारी न होने से मृतक अधिवक्ता परिवार के लोगो को बना है जान का खतरा,अधिकतर परिवार के लोग ही हत्याकांड के है गवाह,गवाहों को मारने व अन्य तरीके से उन्हें प्रभावित करने का बना है डर,एक अपराधी की गणित के आगे पुलिस के सारे पैंतरे दिख रहे फेल,सूत्रों के मुताबिक सिराज जिले की सारी गतिविधियों पर अपने करीबियों की मदद से बनाये है नजर,फिर भी पुलिस सिराज के परिवार व करीबियों के माध्यम से नहीं पहुँच पा रही उस तक,पुलिस पर संरक्षण देने का लग रहा आरोप
पुलिस ने घटना के बाद सिराज की गिरफ्तारी शीघ्र करने के साथ-साथ किये थे बड़े-बड़े दावे,फिलहाल अन्य आरोपियों के जेल जाने के बाद ही ठंडी पड़ गई पुलिस की सारी कार्यवाही,घटना के कुछ दिन बाद ही पुलिस के सारे दावे समय के साथ साथ चले गए ठंडे बस्ते में,इतने प्रयास दिखाने के बाद भी सिराज की गिरफ्तारी न होने व दांव-पेंच से चलने के पीछे कुछ लोगो की स्थिति पहले ही मानी जा रही थी संदिग्ध,अधिवक्ताओ ने मीटिंग में ऐसे संदिग्धो पर लगाये थे गम्भीर आरोप,आज की स्थिति देखकर अधिवक्ताओ के संदेह को काफी हद तक माना जा रहा जायज,कार्यवाही के बजाय जिले में अपराधियों को मिलता दिख रहा संरक्षण,पीड़ित परिवार का यह हाल इन सब बातों का माना जा रहा प्रमाण
अपराधिक गैंग के सहारे हिस्ट्रीशीटरो की अर्जित अवैध संपत्ति एवं बेनामी संपत्तियों को भी चिन्हित कर जल्द ज़ब्तीकरण की कार्रवाई की भी जताई जा रही थी उम्मीद,सूत्रों के मुताबिक गैंगस्टर सिराज ने अपराध के सहारे अर्जित की है करोड़ो की संपत्ति,कार्यवाही की डर से सिराज के जरिये अपने नाम महज कुछ संपत्ति एवं अपने विश्वसनीय करीबियों के नाम तमाम जगहों पर कई करोड़ो की संपत्ति अर्जित करने की चर्चाए है तेज,सूत्रों के मुताबिक जिम्मेदार अफसर अप्रत्यक्ष रूप से उसे संरक्षण देकर उसकी संपत्ति बचाने की नीयत से किसी दबाव या स्वार्थ में नहीं देते सही रिपोर्ट,जिससे अपराध के सहारे अर्जित संपत्ति का नहीं जा पाता सही ब्यौरा और इसी वजह से उल्टी-सीधी रिपोर्ट के दम पर जब्त संपत्ति के बावत बाद में मिल जाता है सिराज को कानूनी लाभ,पूर्व में हुई ऐसी ही कार्यवाहियो का सिराज को मिल चुका है लाभ,इन सबके पीछे भी कई जिम्मेदारो का रहा हाथ,मौजूदा डीएम इन सब बिंदुओं पर ले सकती है संज्ञान
कोतवाली देहात थाना क्षेत्र स्थित भुलकी चौराहे के पास बीते छह अगस्त की शाम को गोली मारकर हुई थी अधिवक्ता आजाद अहमद की हत्या,उनके भाई मुनौव्वर पर भी हुआ था जानलेवा हमला,हत्याकांड से अधिवक्ताओं में रहा काफी आक्रोश,प्रभावित हो गई थी जिले की व्यवस्था,अब विवेचक व अन्य जिम्मेदारो की लापरवाही की वजह से फिर बिगड़ रही मामले की स्थिति,कोई घटना फिर हुई तो आखिर कौन होगा उसका जिम्मेदार...
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