HighCourt ने कोतवाली देहात थाना प्रभारी को किया तलब...

 हाईकोर्ट ने कोतवाली देहात थाना प्रभारी श्याम सुंदर को व्यक्तिगत रूप से किया तलब,हाईकोर्ट ने पुलिस के खिलाफ दाखिल हैबियस कार्पस याचिका में दर्शाए गए तथ्यों के अनुसार क्रमवार मय शपथ जवाब दाखिल करने के लिए एसएचओ को किया है तलब,हाईकोर्ट ने इंस्पेक्टर श्याम सुंदर की तलबी के लिए तय की है 19 दिसम्बर की तारीख,

सुलतानपुर/लखनऊ. हाईकोर्ट के कड़े रुख से मामले में बढ़ी थाना प्रभारी श्याम सुंदर की मुश्किलें कोतवाली देहात पुलिस को बलात्कार के आरोपी के रिश्तेदारों को गलत तरीके से थाने में बिठाए रखना पड़ा भारी,हाईकोर्ट ने बीते शनिवार को हैबियस कार्पस याचिका पर अर्जेंट सुनवाई करते हुए थाना प्रभारी से सोमवार के लिए जवाब-तलब करने का दिया था निर्देश,समस्त सम्बंधित प्रपत्रों के साथ किया गया था जवाब-तलब,सोमवार को हाईकोर्ट की डबल बेंच में एक फ्रेश केस की तरह इस हैबियस कार्पस याचिका की हुई थी सुनवाई,पुलिस ने अपनी कार्यवाहियों को सही बताते हुए पेश किया था अपना जवाब,जिस पर याची पक्ष के अधिवक्ता आरपी यादव ने जताई थी आपत्ति,उभय पक्षो को सुनने के पश्चात पुलिस के जरिये पेश जवाब से संतुष्ट न होने के चलते हाईकोर्ट ने इंस्पेक्टर श्याम सुंदर को दाखिल याचिका के अनुसार क्रमवार एफिडेविट के साथ जवाब दाखिल करने के लिए व्यक्तिगत रूप से किया है तलब मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अभिरक्षा में लिए महज दो लोगो के विषय मे पेश किया था तथ्य,गलत तरीके से थाने में निरुध्द रखे गए शेष अन्य लोगो के बारे में नहीं दर्शाया था स्पष्ट तथ्य,इसी तरीके की पुलिस की अन्य कमियों पर आपत्ति होने की वजह से हाईकोर्ट पुलिस के जवाब से नहीं दिखी सन्तुष्ट और थाना प्रभारी को व्यक्तिगत शपथ के साथ जवाब दाखिल करने के लिए किया तलब याची के अधिवक्ता आरपी यादव ने बताया कि पुलिस बीते 15 नवम्बर की रात रिटायर्ड सूबेदार सालिकराम को उनके घर से पकड़कर ले गई थी अपने साथ थाने और अन्य परिवारीजनों व उनके नातेदारों को भी महज मुल्जिम के रिश्ते में आने की वजह से अवैध तरीक़े से पुलिस कस्टडी में रखकर बना रहे थे अनर्गल दबाव,इस प्रकरण की उच्चाधिकारियों से शिकायत होने के बाद भी कोई एक्शन न होने पर अशोक कुमार भीम ने ली थी हाईकोर्ट की शरण,जिस पर बीते शनिवार को अर्जेंट सुनवाई के बाद जवाब-तलब होने की सूचना मिलते ही बौखलाई पुलिस ने घर से ले गए सलिकराम व उनके पुत्र भीम विक्रम का मनमाना गिरफ्तारी स्थल दिखाकर धारा- 376,506 भादवि के साथ सपठित धारा-216 भादवि में रिमांड कराकर भिजवाना चाहते थे जेल,लेकिन अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट योगेश यादव की अदालत में पेश किए दोनों लोगो की गिरफ्तारी करने की सही वजह न बता पाने व कोई साक्ष्य न पेश कर पाने की वजह से लगी थी फटकार एवं नहीं स्वीकार हो पाया था रिमांड,आरोपी बनाये गये रिटायर्ड सूबेदार व उनके बेटे को लेकर विवेचक अब्दुल कादिर खान सहयोगी पुलिस कर्मियों के साथ वापस लौट आये थे थाने और मनमाफिक लिखापढ़ी करा लेने के बाद मजबूरन उन्हें थाने से ही कर दिया था रिहा,याची के अधिवक्ता के मुताबिक पुलिस सलिकराम की 18 नवम्बर की ही साबित करना चाहती है गिरफ्तारी और उसी हिसाब से हाईकोर्ट में पेश किया था जवाब,लेकिन बीते 15 नवम्बर को ही सलिकराम को पुलिस के जरिये उनके घर से ले जाने सम्बन्धी सीसीटीवी फुटेज है मौजूद और इसी के बाद 18 नवम्बर को रिमांड के लिए सलिकराम को अपनी कस्टडी से कोर्ट में पेश करने की बात को पुलिस स्वयं कर रही साबित,ऐसे में साफ-साफ करीब चार दिनों तक रिटायर्ड सूबेदार को गलत तरीके से थाने में बैठाने को लेकर पुलिस की गलती आ रही सामने,सीसीटीवी फुटेज ने खोली पुलिस के कारनामे की पोल,अगली पेशी पर सीसीटीवी फुटेज सम्बन्धी साक्ष्य का भी हाईकोर्ट में उठेगा मुद्दा,बढ़ सकती है जिम्मेदार पुलिस कर्मियों की मुश्किलें,बहुत ही बुरे फ़ंसती नजर आ रही कोतवाली देहात पुलिस,इसके अलावा एक रिटायर्ड सूबेदार पर मनमानी धारा दर्शाकर पुलिस मीडिया सेल के माध्यम से सूचना प्रसारित करने की वजह से उनके मान-सम्मान को क्षति पहुंचाने को लेकर जिम्मेदारो पर कार्यवाही एवं मानहानि की भरपाई को लेकर भी पुलिस के खिलाफ पीड़ित पक्ष ले सकता है जिला न्यायालय एवं हाईकोर्ट की शरण

पीड़ित पक्ष के आरोप के मुताबिक बीते 15 नवंबर की रात में कोतवाली देहात थाना प्रभारी श्याम सुंदर के निर्देशन में विवेचक अब्दुल कादिर खान एवं अन्य पुलिस कर्मियों ने बलात्कार के आरोपी बने सिद्धार्थ भीम के फूफा रिटायर्ड सूबेदार सालिकराम एवं अन्य नातेदारों को गलत तरीके से लिया था कस्टडी में, दो दिन इंतजार करने के बाद बीते 17 नवम्बर को ही अशोक भीम ने इस प्रकरण की एसपी से लेकर डीजीपी तक की थी शिकायत,कोई एक्शन न लेने पर याची अशोक भीम की तरफ से हाईकोर्ट मे बीते शनिवार को हैबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका की गई थी दाखिल,याची पक्ष के आरोप के मुताबिक बीते शनिवार को दोपहर में हैबियस कार्पस याचिका पर सुनवाई होने के पश्चात जैसे ही जवाब तलब होने सम्बन्धी आदेश की पुलिस को मिली जानकारी उसी के बाद बौखलाई पुलिस ने अभिरक्षा में लिए गए आरोपी रिटायर्ड सूबेदार सालिकराम एवं उनके बेटे भीम विक्रम के खिलाफ धाराएं लगाकर कोर्ट में किया था पेश,फिलहाल मजिस्ट्रेट कोर्ट में नहीं टिक सकी थी पुलिस की कहानी और मिली थी फटकार

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मिली जानकारी के मुताबिक अपनी कमी छुपाने के लिए पुलिस ने 18 नवम्बर की गिरफ्तारी मनमुताबिक स्थान से दर्शाकर पेश किया था रिमांड,जबकि करीब चार दिन से कुछ लोगो को लगातार लिया गया था अभिरक्षा में और कुछ के प्रति चल रहा था छोड़ा-पकड़ी का खेल,परिजनों के आरोप के मुताबिक थाने लाने के बाद मनमानी तरीके से लिखे गए कागजों पर उनसे हस्ताक्षर बनवाकर थाने से ही शनिवार की शाम को ही छोड़ा था पुलिस ने,इस कारनामे की भी एसपी से लेकर डीजीपी तक हुई है शिकायत,मामले में डीजीपी से लेकर एसपी व थाना प्रभारी सहित अन्य बनाये गए है पार्टी,थाना प्रभारी व अन्य जिम्मेदारो की गलती का उच्चाधिकारियों को भी भुगतना पड़ता है खामियाजा, उच्चाधिकारी जिम्मेदारो के इस कारनामे पर जल्द ले सकते है संज्ञान परिजनों के आरोप के मुताबिक कोतवाली देहात अंतर्गत ग्राम इस्लामगंज स्थित परिवार की सामूहिक जमीन में एक भाई ने गलत तरीके से बेंच दी थी मिट्टी और खुदाई के लिए खनन माफियाओ के कर दिया था हवाले,आरोप के मुताबिक स्थानीय पुलिस की सह से अवैध तरीके से चल रहा था खनन,जिसके खिलाफ बलात्कार के आरोपी बने सिद्धार्थ ने अवैध खनन का वीडियो बनाकर कर दिया था वायरल,आरोप के मुताबिक उसी के बाद सिद्धार्थ के परिवार के साथ अन्य घटनाओं को भी दिया गया था अंजाम,इन्हीं घटनाओं के बाद सिद्धार्थ के खिलाफ करीब 21 वर्षीय युवती को शादी का झांसा देकर करीब दो वर्षों से रेप करने के आरोप में दर्ज हुआ है मुकदमा,परिजनों के आरोप के मुताबिक पुलिस ने पहले केस को फर्जी बताते हुए निष्पक्ष जांच कर केस खत्म कर देने का दिया था भरोसा और करीब दो माह से चल रही थी तफ्तीश,परिजनों के आरोप के मुताबिक पुलिस ने निष्पक्ष जांच का दिया था झूठा भरोसा, पर अब खनन माफियाओं व कुछ विपक्षियों के अनुचित प्रभाव में पुलिस काम कर केस में फंसाने का कर रही प्रयास और परिवारीजनों व नातेदारों को बेवजह कर रही परेशान,जबकि पुलिस अपनी कार्यवाहियों को बता रही जायज,फिलहाल आगे की कार्यवाहियो में सब कुछ होगा साफ

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