प्रिंसिपल की गन्दी हरकत….छात्राओं के साथ Sexual Harassment का आरोप….

काले केबिन के पीछे प्रिंसिपल करता था 'गंदा काम', पीएम के नाम गुमनाम चिट्ठी से खुला 60 छात्राओं के यौन शोषण का राज

विरोध करने पर दी जाती थी धमकी 

बता दें, जिस स्कूल से यह मामला सामने आया है, उसमें शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की संख्या 40 है, जिनमें 50% महिला शिक्षक शामिल हैं। वहीं स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं की संख्या 1200 से अधिक है। पूरे स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रिंसिपल के केबिन में भी कैमरे लगे हुए हैं। लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से इतना कुछ होने के बावजूद छात्राओं के साथ प्रिंसिपल का घिनौना कृत चलता रहा। छात्राओं के विरोध करने पर उन्हें धमकी दी जाती थी कि अगर किसी को भी इस बात की जानकारी हुई तो उन्हें प्रैक्टिकल और परीक्षा में पास नहीं होने दिया जायेगा।


हरियाणा के जींद से चौकाने वाली खबर सामने आयी है। जींद जिले के एक स्कुल में 60 छात्राओं को यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया है। हैरानी की बात यह कि आरोपी कोई और नहीं बल्कि उसी स्कूल का प्रिंसिपल है। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति और बाल विकास महिला आयोग तक को गुप्त पत्र लिखा गया है। पत्र 5 पन्नो में लिखा गया है, जिसमें छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के पूरे मामले को बताया गया है। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फ़ैल गई है। 

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखा गया गुमनाम पत्र 

इतने बड़े पैमाने पर स्कूली छात्राओं को हवस का शिकार बना रहे प्रिंसिपल के खिलाफ कोई आवाज़ नहीं उठा पा रहा था। बताया गया कि प्रिंसिपल प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से संबंध रखता है, जिस वजह से उस पर कार्यवाई नहीं की जा रही थी। लेकिन इस बीच किसी ने 31 अगस्त को प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, केंद्रीय महिला आयोग, हरियाणा महिला आयोग और हरियाणा के शिक्षा मंत्री को एक गुमनाम पत्र लिखा। पत्र में कई ऐसे चौकाने वाली बातें सामने आई। स्कूल की ही एक महिला शिक्षक प्रिंसिपल के इशारे पर छात्राओं को केबिन में भेजती थी। जिसके बाद प्रिंसिपल छात्राओं को गलत तरीके से छुआ करता था। पत्र में लिखा गया कि छात्राओं को प्रिंसिपल के काले शीशी वाले केबिन में भेजा जाता था। 


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