SultanpurNews: यशभद्र सिंह उर्फ मोनू को शासन ने दिया तगड़ा झटका, धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख पद किया रिक्त

सुलतानपुर/लखनऊ। यशभद्र सिंह उर्फ मोनू को शासन ने दिया तगड़ा झटका,क्षेत्र पंचायत की सदस्यता समाप्त करते हुए खत्म की प्रमुखी,शासन ने धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख पद किया रिक्त,राज्यपाल की स्वीकृति के बाद अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जारी किया आदेश, सुलतानपुर की राजनीति में मचा हडकंप


शासन ने दो दिसंबर 2022 को स्पेशल सेशन कोर्ट-एमपी एमएलए जज एकता वर्मा की अदालत से यशभद्र सिंह मोनू समेत अन्य के खिलाफ आये फैसले को आधार बनाते हुए की बड़ी कार्रवाई,यशभद्र सिंह मोनू को दो वर्ष के कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा से किया गया था दंडित,यशभद्र सिंह के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष समेत अन्य भी ठहराए गये थे दोषी,उन्हें भी मिली थी सजा


शासन ने उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा 13 क एवं च का हवाला देते हुए नैतिक अधमता (Moral Turpitude) का जिक्र करते हुए यशभद्र सिंह उर्फ मोनू को बताया क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए आयोग्य,क्षेत्र पंचायत सदस्य पद की अयोग्यता से खत्म कर दी गई यशभद्र सिंह मोनू की प्रमुखी,शासन के इस आदेश के मुताबिक धनपतगंज प्रमुख पद को लेकर जल्द हो सकता है चुनाव,तब तक धनपतगंज ब्लॉक से जुड़े कर्तव्य एवं दायित्व के निर्वहन हेतु अलग से जल्द आदेश हो सकता है जारी,इस मुकदमे से जुड़े सजा पाने वाले अन्य को भी जल्द ही लग सकता है झटका,अभी हाल में ही यशभद्र सिंह मोनू के जरिये अपने ग्राम मायंग में निवर्तमान प्रधान रामदेव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को जितवाने का चर्चा में आया था मामला

मेरी सदस्यता समाप्त हुई तो शिवकुमार की क्यों नहीं : यशभद्र सिंह मोनू


धनपतगंज के बाहुबली ब्लॉक प्रमुख रहे यशभद्र सिंह मोनू की सदस्यता समाप्त होने के साथ सूबे की सत्ता पर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई करने का इल्जाम लगने लगा है। एससी एसटी एक्ट के मुकदमे में ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू और बल्दीराय ब्लाक प्रमुख/भाजपा नेता शिवकुमार सिंह दोनों को दोषी ठहराया गया था। समान रूप से 2 साल की सजा दोनों को न्यायालय से सुनाई गई थी।  सदस्यता समाप्त होने की कार्रवाई मोनू सिंह पर ही होने से धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख के खेमे में असंतोष देखा जा रहा है। यशभद्र सिंह मोनू कहते हैं कि जब एक समान सजा मुझे और ब्लॉक प्रमुख शिवकुमार सिंह को सुनाई गई तो आखिर मेरी ही सदस्यता क्यों समाप्त की गई, शिवकुमार सिंह की क्यों नहीं।  यह प्रदेश सरकार की पक्षपात पूर्ण कार्रवाई है। समय आने पर इसके खिलाफ मैं न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगा।

Comments