जयपुर: राजस्थान के मेवात इलाकों को ठगी का अड्डा बनाने वाले साइबर ठगों पर कामां पुलिस कड़ी नजर रख रही है. ऑपरेशन एंटीवायरस के चलते साइबर ठग छिपने को मजबूर हो गए हैं और जो बचे हैं उन्होंने ठगी का नया तरीका ढूंढ लिया है ताकि वो पुलिस के चंगुल से दूर रहें. लेकिन फिर भी ये साइबर ठग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं,
अब इन्होंने नौकरी के नाम पर लोगों को ठगने का नया हथकंडा अपनाया है. हाल ही में इन साइबर ठगों ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की है.
रेलवे में नौकरी का झांसा देकर बनाते थे शिकार:
डीग जिले की कामां पुलिस ने सोमवार को आईजी राहुल प्रकाश और एसपी राजेश कुमार मीणा के निर्देशन में कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन एंटीवायरस के तहत साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है. ये जालसाज रेलवे विभाग में ग्रुप डी की नौकरी लगवाने का झांसा देकर लोगों को ठगते थे. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 6 साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया, जबकि एक जालसाज पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा.
नौकरी का विज्ञापन लगाकर लोगों से करते थे ठगी:
जांच टीम में शामिल कामा थाना प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि मेवात में साइबर ठग साइबर ठगी करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं.
पकड़े गए सभी साइबर ठगों के पास से फर्जी सिम कार्ड, मोबाइल और एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं. इनके मोबाइल की जांच की गई तो पता चला कि ये भारतीय रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी का विज्ञापन लगाकर लोगों से ठगी करते थे. नौकरी दिलाने के नाम पर ये फर्जी फेसबुक प्रोफाइल भी बनाते थे. इतना ही नहीं ये लड़कियां बनकर व्हाट्सएप के जरिए वीडियो कॉल करके सामने वाले का न्यूड वीडियो रिकॉर्ड कर उसे ब्लैकमेल करते थे. इसके बाद ये पुलिस अधिकारी बनकर केस निपटाने के नाम पर फर्जी खातों में पैसे डलवाकर ठगी करते थे. थाना अधिकारी मनीष शर्मा ने आगे बताया कि पकड़े गए सभी साइबर ठगो से पुलिस गहनता से पूछताछ कर रही है. जिसमें वह यह पता करने की कोशिश कर रही है कि इन्हें एटीएम और फर्जी सिम कार्ड कोन उपलब्ध कराता है जिससे इनके पीछे के सूत्रधारों तक जल्द से जल्द पहुंकर उनपर शिकंजा कसा जा सके.
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