यूपी के सुल्तानपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस कार्यक्रम के तहत ऐसी महिलाओं की भी शादी करा दी गई जो पहले से शादीशुदा हैं और कई बच्चों की मां है. योजना का लाभ देने के नाम पर पैसों का बंदरबांट किया गया.
जनपद के विकास कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे अयोध्या कमिश्नर गौरव दयाल,मीडिया से हुए रूबरूमुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुए घोटाले की जांच में दोषी पाए गए समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह पर कार्रवाई न किए जाने का कमिश्नर के सामने उठा मुद्दा
उक्त मामले में जिलाधिकारी से करेगें वार्ता,कार्यवाही के लिए शासन को भेजा जाएगा पत्र : कमिश्नर
जिला स्तरीय जांच में दोषी पाए जाने पर जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने भेजा है शासन को रिपोर्ट‼️
सुल्तानपुर का मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह घोटाला: समाज कल्याण अधिकारी पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप,अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाला मामला,
देखें घोटाले पर क्या बोले अफसर.
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में घोटाले के संकेत 29 जून और 4 जुलाई को ही मिल चुके थे, लेकिन जिले के उच्च अधिकारियों ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। एक महीने बाद, विवाहों के दौरान उच्च अधिकारियों के चहेते समाज कल्याण अधिकारी की भ्रष्टाचार की पोल खुल गई।
समाज कल्याण अधिकारी की विवादास्पद पृष्ठभूमि
समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह रायबरेली और अयोध्या में तैनात रह चुके हैं और उनकी कार्यशैली चर्चा में रही है। जिले में पहुंचते ही उन्हें सत्ताधारी विधायक और उनके समर्थकों की समर्थन प्राप्त हो गई, जिससे उनकी लॉटरी लग गई। हालांकि, विजयधर पाठक जैसे जागरूक नागरिकों ने उनकी गतिविधियों की सूचनाएं 29 जून और 4 जुलाई को डीएम को दीं।
शिकायतों की अनदेखी और घोटाले का खुलासा
29 जून को विजयधर पाठक ने शिकायत में आरोप लगाया कि समाज कल्याण अधिकारी ने पूर्व की फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए निविदा बनाई है, ताकि मनमाने ढंग से काम आवंटित किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा नेता रामचंद्र चौधरी ने शादी में दिए गए सामान और जेवरात के मानक से विपरीत होने की शिकायत की थी। शिकायत में यह भी कहा गया कि अन्य जिलों में 100 लाख के टर्नओवर की जरूरत नहीं होती, लेकिन यहां पर इस प्रमाणपत्र की मांग की गई।
शादी के नाम पर फर्जीवाड़ा
11 जुलाई को बल्दीराय ब्लॉक में 81 और 12 जुलाई को कुड़वार ब्लॉक में 67 शादियों का आयोजन किया गया। इन स्थानों पर सरकारी धन का बड़े स्तर पर दुरुपयोग हुआ। बल्दीराय के महुली गांव में सरिता की शादी आठ साल पहले हो चुकी थी, लेकिन 12 जुलाई को उसकी शादी फिर से कराई गई। इसी प्रकार, कई अन्य मामले सामने आए जहां विवाहिताओं की शादी के नाम पर पैसे लिए गए।
प्रशासनिक कार्रवाई और भविष्य की राह
डीएम ने ग्राम पंचायत सचिव राहुल यादव को निलंबित कर दिया। समाज कल्याण के प्रभारी अभिषेक गिरि को भी निलंबित किया गया। हालांकि, *समाज कल्याण अधिकारी की बचाव की कोशिशें अभी भी जारी हैं। उच्च अधिकारियों को चाहिए कि वे समय पर कार्रवाई कर इस भ्रष्टाचार को पूरी तरह से समाप्त करें*‼️
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