जिस पर कोर्ट से भेजी गई नोटिस में थाना प्रभारी ने कहा कि थाना क्षेत्र में नहीं पकड़ी गई कोई लकड़ी
👉आखिर पकड़ी गई लकड़ी में से आदि लकड़ी थाने से कैसे हुई गायब फिर थाना प्रभारी ने नोटिस में क्यों दी गलत जानकारी-❕
वही हलका इंचार्ज वन विभाग शिवमंगल जी से बात की गई उन्होंने बताया मेरे संज्ञान नहीं कोई मामला मैं जानकारी कर बताऊंगा-‼️
👉 खेसहन निवासी प्रार्थी के मुकदमा लिखकर थाने में लकड़ी पड़कर वन विभाग व पुलिस व शीशम की लकड़ी क्या वन विभाग के संरक्षण में चली गई या पुलिस के संरक्षण में सूत्र-❗
👉थाना प्रभारी की कार्यशैली से परेशान क्षेत्रीय जनता,पीड़ितों को नहीं मिल पा रहा न्याय-‼️
👉थाना क्षेत्र का कोई भी हो मामला तो पहले मिलना है थाना प्रभारी के नये कारखासो से❕
👉थाना गाजीपुर के पास से मोरंग गाड़ियां निकल रहे ओवरलोड ट्रक जिम्मेदार अधिकारी मौन-❔
👉क्षेत्र में स्थानीय पुलिस की सह पर जमकर किया जा रहा मिट्टी का अवैध खनन-❓
‼️(रोहित अग्रहरि)‼️
✍️फतेहपुर पुलिस अधीक्षक महोदय जरा एक नजर थाना गाजीपुर की ओर।जी हां आप सभी लोगों को ज्ञात हो कि थाना गाजीपुर किसी न किसी मामले पर हमेशा सुर्खियों पर बना रहता है। क्षेत्रीय जनता थाना प्रभारी की कार्यशैली से काफी परेशान है लेकिन न्याय नहीं मिल पा रहा है।सूत्रों ने बताया कि थाना में काफी समय से कई ऐसे मामले हैं जिनकी तहरीर दी गई लेकिन उन्हें कोई न्याय नहीं मिला।जहां क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अब उनका भरोसा गाजीपुर पुलिस के ऊपर से उठता जा रहा है थाना गाजीपुर आपको बताते चलें कि इसी थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांजा कारोबारियों, ओवरलोड ट्रक अवैध मिट्टी खनन,लकड़ी कटान या जुर्म जरायाम से जीतने भी मामले हैं वह क्षेत्र में काफी तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं लेकिन पुलिस इन पर रोक लगाने की जगह उगाही करने में जुटी हुई है।आखिर ऐसे थाना प्रभारी पर पुलिस अधीक्षक महोदय भी इतना क्यों मेहरबान हैं?यह बात किसी के पल्ले नहीं पड़ रही है या फिर थाना प्रभारी को किसी माननीय का संरक्षण प्राप्त होने के कारण पुलिस अधीक्षक महोदय भी इस थाना की ओर ध्यान देने की बजाए अपने काम में मस्त दिखाई देते हैं-❓
क्षेत्र में जमकर किया जा रहा मिट्टी का खनन-❗
गाजीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चुरियानी बहुआ एवं थाना क्षेत्र के अंतर्गत अन्य क्षेत्रों से सरकारी जमीन को खोदकर खनन माफिया तालाब में तब्दील करते नजर आ रहे हैं। जिसमें न तो खनन विभाग ध्यान दे रहा है और न ही स्थानीय थाना की पुलिस। वहीं अगर संबंधित मामले पर खनन अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की जाती है तो उन्हें तो मानो किसी ने फोन न उठाने के लिए कह रखा हो अर्थात् कहने का आशय कि महोदय जी का कभी जल्दी से फोन नहीं उठता है अगर कहीं यदा कदा फोन उठ भी गया तो वह हमेशा हाई कोर्ट में अपने को बताते हैं कि मैं काम से हाई कोर्ट आया हूं।अब आखिर सोचने की बात है कि आखिर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर जिला प्रशासन क्यों मेहरबान नजर आते हैं यह तो सोचने की बात है-‼️
शेष खबर आगे--❓
बार-बार छेड़िये न भारत स्वाभिमान को.अन्यथा बाद में बहुत पछताएंगे. Sudhanshu #motivation #upay #facts
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