शहर में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सफाई व्यवस्था बदहाल, पिछले वर्ष के मुकाबले 16 पायदान गिरी रैंकिंग केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से साफ है कि शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। स्वच्छता को लेकर किए जा रहे दावों में बिल्कुल भी दम नहीं है। सड़कों व बाजारों में लगे कूड़े के ढ़ेर हैं।
शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था से शहर वासियों में फूटा आक्रोश तो नींद से जागे नगर पालिका अध्यक्ष
आनंन फानन में सफाई कर्मियों की बुलाई बैठक सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के दिये निर्देश अधिशासी अधिकारी ने अफसरों की चापलूसी में बिगाड़ दी शहर की सफाई व्यवस्था
लाख जतन के बावजूद सफाई नायक नहीं कर पा रहे वार्डों की सफाई
सुल्तानपुर...कहते हैं मोहम्मद तुगलक कभी अपने सलाहकारों की बात नहीं मानता था जिसके कारण उसकी हर योजना फ्लॉप शो साबित हुई कुछ ऐसा ही हाल नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी श्यामेंद्र मोहन चौधरी का है आरक्षण की कृपा से इन्हें नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी की कुर्सी तो मिल गई लेकिन नगर पालिका मे कामकाज का सलीका आज तक नहीं आया अलबत्ता नगर पालिका में भ्रष्टाचार में इन्होंने कई रिकॉर्ड बना डाले परिवार व रिश्तेदारों की प्रशासन में ऊंची पहुंच के कारण इन्हें क्लीन चित् भी मिल गई निलंबित होने के बावजूद जब बहाल हुए तो उन्हें इसी जिले का चार्ज दे दिया जबकि यही पर पालिका अध्यक्ष बबीता जायसवाल व ईओ पर लाखों रुपए स्ट्रीट लाइट की खरीद मे भृष्टाचार के आरोप लगे हुए थे । यहां तक की 15वें वित्त के अंतर्गत पूर्व जिला अधिकारी को धोखे में रखकर शहीदों की अमर विरासत झंडा चबूतरा व सुंदरलाल पार्क मे अपने चहेती फर्म को निर्माण का कार्य देश जारी कर ऐसा ही करनामा किया था।शिकायत के बाद हुई एसडीएम की जांच में पूर्व अध्यक्ष बबिता जयस्वाल व अधिशासी अधिकारी का गड़बड़ झाला सामने आया था इसके बाद जिला अधिकारी ने तत्काल उक्त निर्माण पर रोक लगा दी थी। कार्य के रोक के बावजूद अधिशासी अधिकारी ने चहेती फर्म को मिलाकर लगभग 11:40 लाख रुपए का पालिका के बोर्ड फंड से भुगतान करा कर सरकारी धन की बंदर बांट कर ली थी। उक्त विधि विरुद्ध भुगतान की शिकायत शासन तक हुई थी जिसकी जांच अभी लंबित है। उक्त मामले को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की भी तैयारी की चर्चा आम है । दबी जबान में पालिका के कर्मचारी बताते हैं अधिशासी अधिकारी ने प्रशासक रहते हुए बड़ी ही चालाकी से नई कंपनी को मैनपॉवर सप्लाई का काम देकर लाखों रुपए की कमाई कर ली अब सफाई कर्मियों को वेतन व उनके अन्य देयको के लिए अक्सर परेशान होना पड़ता है बिना धरना प्रदर्शन की चेतावनी आंदोलन की धमकी दिए बगैर उनका वेतन नहीं निकलता जबकि उनके अन्य देय के बारे में ना तो सेवा प्रदाता कंपनी और ना ही नगर पालिका परिषद के जिम्मेदार कोई स्पष्ट जवाब दे रहे है वही सफाई कर्मचारी यूनियन के मौन होने से सफाई कर्मियों का गुस्सा दो तरफ़ा बढ़ रहा है। समय से वेतन न मिलने देयको में परेशानी के कारण सफाई कर्मी भी सफाई व्यवस्था को लेकर लगभग उदासीन हो गए हैं जिसके कारण शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई है । मुख्य मार्गो को छोड़ दे तो अधिकतर वार्डों की गलियां कूड़े से पटी हुई है नालिया बजबजा रही है। संक्रामक रोगों की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी समेत सभी जिम्मेदार अधिकारी लगातार निर्देश पर निर्देश जारी कर रहे हैं।पालिका में तैनात सफाई सुपरवाइजर बताते हैं सफाई व्यवस्था बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण वार्डो से कर्मचारियों का कम किया जाना है। नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारी ने बताया अधिशासी अधिकारी ने जिले के आला अधिकारियों के घरों व बंगलो की सफाई व्यवस्था सुधारने को लेकर हर वार्ड से एक एक सफाई कर्मचारी को नगर पालिका में ड्यूटी पर लगा लिया है जिससे वह आला अधिकारियों की जी हजूरी कर सके और इस आड़ में नगर पालिका में भ्रष्टाचार को अंजाम देकर उस पर लीपा पोती कर सके। पालिका अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल के बार-बार निर्देश देने के बावजूद अधिशासी अधिकारी द्वारा उनकी आंख में धूल झोंकने का कार्य लगातार जारी है जबकि अफसरों के कैंपस की साफ सफाई के लिए पालिका में पहले से एक इमरजेंसी टीम बनाई जाती रही है उसे कभी-कभी नाला गैंग का भी नाम दिया जाता रहा है । सफाई सुपरवाइजर बताते है कि जब वार्डो से आदमी कम कर लिए जाएंगे तो सफाई व्यवस्था कैसे दुरुस्त होगी। वैसे भी अधिकतर वार्डों में एक या दो आदमी मानक से कम ही है किसी तरीके से झाड़ू लगाकर कूड़ा उठा लिया जाता है नाली की सफाई को लेकर जब योजना बनती है तो सफाई कार्य रोक कर ही नाली सफाई का कार्य करना संभव हो पाता है। कुल मिलाकर शहर वासियों के सामने धीरे-धीरे अधिशासी अधिकारी के मनमाने पन व अहंकारी कार्यशैली की झलक सामने आने लगी है वार्डों की गलियों में बज बजाती नालियां व कुड़े के ढेर नगर पालिका के जिम्मेदारों के सफाई के दावे को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं। फिलहाल पालिका अध्यक्ष के सक्रिय होने के बाद वार्ड की गलियों की सफाई व्यवस्था दुरुस्त होने की उम्मीद जताई जा रही है, पालिका सभागार में मौजूद सफाई सुपरवाइजर को सफाई व्यवस्था सुधारने के सख्त निर्देश पालिका अध्यक्ष द्वारा दिए गए हैं वहीं सफाई कर्मियों के वेतन व अन्य भक्तों के भुगतान को लेकर भी सख्ती दिखने के आसार नजर आ रहे हैं।
क्रमशः
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