हल्द्वानी में हिंसा, बरेली तक पहुंची आंच… क्या है 700km दूर ज्ञानवापी से कनेक्शन? हल्द्वानी पहुंचे सीएम धामी, हिंसा में घायल से की मुलाकात...
ये बात एक धर्म विशेष को नागवार गुजरती है. धर्म विशेष के धार्मिक गुरुओं की तरफ से इसको लेकर जमकर बयानबाजी की जाती है. ज्ञानवापी फैसले के ठीक 8 दिन बाद काशी से करीब 700 किलोमीटर दूर उत्तराखंड के हल्द्वानी में पुलिस-प्रशासन एक मदरसे और नमाज स्थल पर बुलडोजर की कार्रवाई करता और यहीं पर धर्म विशेष का गुस्सा फूट पड़ता है.हल्द्वानी हिंसा की आंच यूपी के बरेली तक पहुंच आई है. बरेली में मौलाना तौकीर रजा के समर्थन में उतरी भीड़ ने दुकानों में तोड़फोड़ की. सड़क पर खड़ी बाइकों पर भी पथराव किया, जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. हिंसा और पथराव के बीच अब ये सवाल उठने लगा है कि आखिर इन सबके पीछे की असली वजह क्या है? पढ़ें इस रिपोर्ट में..
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वनभूलपुरा में हिंसा के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए हल्द्वानी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों और पत्रकारों से मुलाकात की।
31 जनवरी को काशी के ज्ञानवापी पर फैसला आता है और हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा-पाठ की अनुमति मिल जाती है. रातों-रात तहखाने में पूजा-पाठ भी शुरू हो जाती है. ये बात एक धर्म विशेष को नागवार गुजरती है. धर्म विशेष के धार्मिक गुरुओं की तरफ से इसको लेकर जमकर बयानबाजी की जाती है. ज्ञानवापी फैसले के ठीक 8 दिन बाद काशी से करीब 700 किलोमीटर दूर उत्तराखंड के हल्द्वानी में पुलिस-प्रशासन एक मदरसे और नमाज स्थल पर बुलडोजर की कार्रवाई करता और यहीं पर धर्म विशेष का गुस्सा फूट पड़ता है.
लोग सड़कों पर उतर आते हैं. जमकर आगजनी और पत्थरबाजी होती है. थाने पर पेट्रोल बम से हमला किया जाता है, जिसमें पुलिस की कई गाड़ियां जलकर राख हो जाती हैं. रास्ते में खड़ी बस और बाइकों को आग के हवाले कर दिया जाता है. अराजकतत्व सड़कों पर जमकर उत्पात मचाते हैं, लेकिन हल्द्वानी पुलिस हालात को संभाल नहीं पाती है. यहां तक की पुलिस के जवानों को अपनी जान बचाने के लिए थाने में शरण लेनी पड़ती है. रातों-रात भारी संख्या में पुलिस, PAC और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की जाती है.
हल्द्वानी हिंसा में अब तक 5 लोगों की मौत
हल्द्वानी हिंसा में अब तक 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 3 लोग जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. 100 पुलिसकर्मी सहित 139 लोग घायल हैं. सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है. 10 कंपनी पैरामिलिट्री और 6 कंपनी PAC फ्लैग मार्च कर रही है. खुद उत्तराखंड के ADG लॉ एंड ऑर्डर अंशुमान सिंह हल्द्वानी में कैंप कर रहे हैं. आज CM पुष्कर सिंह धामी ने भी हिंसा प्रभावित इलाकों में पहुंचकर हालात का जायजा लिया.
उत्तराखंड के हिंसा प्रभावित इलाके में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंच गए हैं। यहां उन्होंने बनभूलपुरा में हुई घटना में घायल हुए पुलिसकर्मियों, अधिकारियों और जनता से मुलाकात की। उन्होंने घायल लोगों से उनका हालचाल जाना और उनसे बातचीत की। बता दें कि हल्द्वानी में अतिक्रमण विरोधी अभियान के बाद हिंसा भड़क गई थी। आक्रोशित लोगों ने प्रशासन की टीम पर हमला किया था। पुलिस ने मामले में कई उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
हल्द्वानी में सीएम धामी ने कहा कि प्रशासन की टीम अवैध अतिक्रमण को हटाने गई थी। उसके ऊपर सुनियोजित तरीके से ये हमला हुआ है। जिस तरह से हमारे पुलिस के अधिकारी खासतौर पर महिला पुलिस अधिकारी को जिस तरह से मारा है, पीटा है और पत्थरों-बंदूकों से हमला किया है, जितना इसके बारे में खराब कहा जाए कम है। उत्तराखंड देवभूमि है। यहां कभी ऐसे हालात नहीं रहे। इन्होंने देवभूमि की फिजा को खराब करने का काम किया है। कानून अपने हाथ में लिया है। पत्रकारों के भी कैमरे तोड़े हैं और उनके साथ मारपीट की है।
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Haldwani Violence | हल्द्वानी में क्यों भड़की हिंसा, जिम्मेदार कौन? | CM धामी ने जाना घायलों का हाल.
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