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राज ठाकरे के साथ गठबंधन क्यों करना चाहती है भाजपा? सियासी ताकत कितनी,

 महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुलाकात की। चर्चा है कि मनसे एनडीए में शामिल हो सकती है। 2006 में राज ठाकरे ने मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थापना की थी।

लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। चुनाव से पहले दोनों प्रमुख गठबंधन एनडीए और इंडिया अपना कुनबा बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं। इसी बीच अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि भाजपा नीत एनडीए महाराष्ट्र में राज ठाकरे को अपने साथ लाने में जुटा है। इसको लेकर मंगलवार को दिल्ली में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुलाकात की।

इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। मनसे के एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बीच उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि भाजपा आलाकमान ठाकरे के नाम को चुराने की कोशिश कर रही है।

आइये जानते हैं कि मनसे के एनडीए में आने की चर्चा क्यों? क्या है मनसे की कहानी? चुनावों में इसका प्रदर्शन कैसे रहा है? भाजपा के साथ क्यों आ रहे हैं राज ठाकरे?

मनसे के एनडीए में आने की चर्चा क्यों? 
लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा एनडीए के कुनबे को बड़ा करने में लगी है। हाल ही में पार्टी ने आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की तेलगु देशम पार्टी और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी के साथ गठबंधन किया। ओडिशा में भी नवीन पटनायक की बीजू जनता दल के साथ गठजोड़ पर चर्चा जारी है। इसी क्रम में भाजपा महाराष्ट्र में मनसे प्रमुख राज ठाकरे को साथ लाने की कोशिश में है। इन खबरों को तब और बल मिला, जब राज ठाकरे दिल्ली पहुंचे। 

मंगलवार सुबह ठाकरे ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े से मुलाकात की। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच गृह मंत्री शाह के आवास पर लंबी मुलाकात हुई। मुलाकात को लेकर मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही है।
क्या राज ठाकरे के भाजपा के साथ आने की चर्चा पहली बार हो रही?
महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन में पहले से ही तीन दल शामिल हैं। राज्य में भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित गुट) की महायुति सरकार चल रही है। इसमें अब नए दल मनसे के आने की चर्चा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अभी किसी गठबंधन में शामिल नहीं है और अकेले ही चुनाव लड़ती रही है। पिछले कुछ महीनों से मनसे और भाजपा के बीच गठबंधन की खबरें आती रही हैं। हाल के दिनों में शिवसेना नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राज ठाकरे के बीच कई बार मुलाकातें हुई हैं। इसके अलावा भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राज ठाकरे से मुलाकात की। 

हाल ही में एक साक्षात्कार में देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, 'भविष्य में मनसे कहां होगी और किसके साथ होगी, यह समय बताएगा। हम निश्चित तौर पर राज ठाकरे के दोस्त हैं। हमारी बैठकें होती हैं। हम कई विषयों पर बातचीत करते हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले राज ठाकरे से जब मीडिया ने मनसे-भाजपा-शिवसेना गठबंधन के बारे में पूछा तो उन्होंने नकार दिया था। अब अमित शाह के साथ मनसे प्रमुख की मुलाकात के बाद गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं। 

मनसे के साथ गठबंधन का फार्मूला क्या हो सकता है?
स्थानीय मीडिया में चर्चा है कि मनसे भाजपा से तीन सीटें चाहती है। ये सीटें दक्षिण मुंबई, शिरडी और नासिक हो सकती हैं। इस बीच, शिवसेना नेता और मंत्री दीपक केसरकर ने एक बयान में कहा कि अगर मनसे गठबंधन में शामिल होती है, तो उन्हें अपने चुनाव चिह्न के बजाय महागठबंधन में एक पार्टी के प्रतीक पर चुनाव लड़ना होगा।

केसरकर ने कहा, 'महाराष्ट्र की 48 सीटों में से उन्हें घटाकर बाकी सीटें बाकी पार्टियों को मिलेंगी। हमें उसी हिसाब से अपनी संख्या तय करनी होगी। वर्तमान में शिवसेना के साथ 13 सांसद हैं। अजित पवार की एनसीपी भी हमारे साथ है। फिलहाल अजित के साथ केवल एक सांसद है, लेकिन उनके विधायकों की संख्या बहुत ज्यादा है। जिन लोकसभा क्षेत्रों में उनके विधायक हैं, वहां उनकी पार्टी का सम्मान किया जाएगा। उसी के अनुसार महायुति की ताकत तय होगी।' 
क्या है मनसे की कहानी?
राज ठाकरे, शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के भतीजे हैं। उद्धव ठाकरे के साथ सियासी मतभेद के चलते राज शिवसेना से अलग हो गए थे। इसके बाद 9 मार्च 2006 को राज ठाकरे ने मुंबई में 'महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना' नाम से एक अलग पार्टी की स्थापना की। मनसे ने कई आंदोलनों के जरिए मराठी अस्मिता का मुद्दा उठाया।
2009 में 13 विधायक जीते थे

पार्टी की स्थापना के एक साल के भीतर ही मनसे को नगर निगम चुनावों का सामना करना पड़ा, जिनमें पार्टी को सफलता नहीं मिली। इसके बाद 2009 में पार्टी ने पहली बार लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा। 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों को अच्छे वोट मिले, लेकिन सीट जीतने के लिए काफी नहीं थे। इसके ठीक छह महीने बाद विधानसभा चुनाव में पार्टी के 13 विधायक चुने गए। चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए चुनाव आयोग ने पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए आधिकारिक चुनाव चिह्न दिया। वर्ष 2010 में पार्टी को 'रेलवे इंजन' चुनाव चिह्न मिला।
नगर निगम चुनावों में भी दिखाई ताकत 
2012 में हुए 10 नगर निगम चुनावों में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को जबरदस्त सफलता मिली थी। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का पहला महापौर नासिक शहर में जीता था। पुणे शहर में पार्टी ने विपक्ष के नेता के रूप में उभरी। इसके अलावा मुंबई-ठाणे शहर में मत प्रतिशत काफी बढ़ गया।
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साल 2019 एक और चुनाव का साल था, तब विपक्षी दल के रूप में मनसे ने सरकारों की आर्थिक नीतियों का कड़ा विरोध किया। लेकिन जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई तो राज ठाकरे ने केंद्र सरकार को बधाई दी। साल 2020 में मुंबई में हुए अधिवेशन में मनसे ने सीएए का समर्थन किया था।

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