सुल्तानपुर। नरेंद्र कुमार पायलट और दुर्गेश कुमार पाठक सुपरवाइजर के बीच पैसे को लेनदेन में हुआ विवाद नरेंद्र कुमार पर एक तरफ मुकदमा हुआ पंजीकृत और पायलट की नौकरी से हुआ बर्खास्त। पायलट का वीडियो हो रहा वायरल।
दुर्गेश कुमार एंबुलेंस पायलट है उसने बताया कि मैं लंभुआ तहसील में एम्बुलेंस चलाता हूं। मेरे दाहिने पैर में फैक्चर होने के बाद भी मैं एंबुलेंस चला रहा हूं। कभी भी कंपनी को शिकायत का मौका नहीं दिया हूं। लेकिन दुर्गेश पाठक सुपरवाइजर द्वारा बार बार मानसिक रूप से परेशान करते हुए पैसे की मांग की जाती है। दुर्गेश पाठक को 5000 रुपया दे भी चुका हूं। और पैसे की मांग की जा रही थी पैसा न देने पर मुझसे मार पीट किए। अशीष सिंह प्रोग्राम मैनेजर के साथ मिलकर दुर्गेश पाठक ने फर्जी मुकदमा पंजीकृत करवा कर बिना जांच किए मुझे एंबुलेंस पायलट की नौकरी से बर्खास्त कर दिए।
यक्ष प्रश्न है कि जब नरेंद्र कुमार पायलट और दुर्गेश पाठक सुपरवाइजर में विवाद हुआ था तो स्थानीय पुलिस को दोनो पक्ष पर मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही करनी चाहिए थी अथवा जांच करनी चाहिए थी। जबकि नरेंद्र कुमार के प्रार्थना पत्र कोई कार्रवाई न कर उनपर एकतरफा मुकदमा लिख दिया गया।
आशीष सिंह प्रोग्राम मैनेजर द्वारा नरेंद्र कुमार अथवा दुर्गेश पाठक से कोई भी लिखित कार्रवाई या स्पष्टीकरण मांगे बिना जांच के पायलट नरेंद्र कुमार को तत्काल बर्खास्त कर देने से एंबुलेंस कंपनी पर बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
थाना अध्यक्ष लंभुआ ने बताया कि पायलट नरेंद्र कुमार द्वारा मारपीट की गई है और दुर्गेश पाठक के प्रार्थना पत्र पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
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