.....973 संस्कृत स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती कौन करेगा, पता नहीं
नए आयोग को संस्कृत शिक्षकों के चयन की नहीं दी गई है जिम्मेदारी, पूर्व में चयन बोर्ड और उच्चतर आयोग को मिला था भर्ती का जिम्मा, दोनों संस्थाओं का नवगठित शिक्षा सेवा चयन आयोग में हो चुका विलय
प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। प्रदेश के 403 सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालय और 570 माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की नियमित नियुक्ति कौन करेगा, यह तय नहीं है। सरकार ने 28 मार्च 2018 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद (संस्थानों के प्रधानों, अध्यापकों एवं संस्थानों के अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति एवं सेवा शर्तें) विनियमावली-2009 में संशोधन के बाद सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के चयन का अधिकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को दिया था। 2019 में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में 1282 शिक्षकों की नियुक्ति का अधियाचन भेजा था।इसी प्रकार महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को दी गई थी। इन दोनों ही संस्थाओं का पिछले साल गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में विलय हो चुका है। नवगठित आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय का कहना है कि संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी आयोग को नहीं मिली है। ऐसे में सवाल है कि इन संस्थाओं में नियमित शिक्षकों का चयन किस माध्यम से होगा। नियमित शिक्षकों की नियुक्ति में देरी के कारण ही एडेड संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में 2019 से संविदा पर शिक्षकों का चयन हो रहा है।
शिक्षकों के लगभग आधे पद खाली
संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों के लगभग आधे पद खाली हैं। 17 मार्च 2023 को शासन में हुई बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार एडेड संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों के सृजित 2085 पदों में से 1064 कार्यरत थे और 1021 खाली थे। प्रधानाचार्यों के सृजित 570 पदों में से 263 कार्यरत और 307 रिक्त थे। महाविद्यालयों में प्राचार्य के 403 पदों में से 154 कार्यरत और 249 रिक्त थे और शिक्षकों के 1889 पदों में से 960 कार्यरत और 929 खाली थे।
रिपोर्ट:अल्पसंख्यकों को छात्रवृत्ति देने में भाजपा शासित राज्य पीछे नहीं
यूपी में प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति पाने वाले करीब एक लाख बढ़े, बंगाल, केरल के मुकाबले भाजपा शासित राज्यों में बढ़े लाभार्थी, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति में सबसे अधिक इजाफा उत्तर प्रदेश में हुआ
केंद्र सरकार की मुसलमानों को लेकर नीतियों को लेकर विपक्ष कई तरह के सवाल उठाता रहा है। पर विपक्ष की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए सरकार सबका साथ, सबका विकास के अपने मंत्र पर अमल करती रही है।केंद्र ने जहां इस वर्षअल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में वृद्धि की है, वहीं पिछले वर्षों में अल्पसंख्यकों को छात्रवृत्ति आवंटन के मामले में भी भाजपा शासित किसी राज्य किसी से पीछे नहीं है। सरकार ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए बजट में करीब 20 से अधिक का इजाफा किया है। इस वर्ष 3183.31 करोड़ का बजट दिया गया है, यह पिछले बजट के मुकाबले 574.31 करोड़ अधिक है। बजट में 1575.72 करोड़ का प्रावधान अल्पसंख्यक समुदाय की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए रखा गया है। अल्पसंख्यक समुदाय की प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति में सबसे अधिक इजाफा उत्तर प्रदेश में हुआ है।
केरल, बंगाल में भी इजाफा
केरल में 2020-21 में पांच लाख 99 हजार 692 छात्रों को प्री मैट्रिक स्कॉरशिप दी गई, जबकि 2021-22 में 6 लाख 34 हजार 299 छात्रों को छात्रवृत्ति मिली। इस तरह सिर्फ करीब 35 हजार छात्रों का इजाफा हुआ। जबकि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत इन वर्षों में लगभग इतने ही लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई। जबकि पश्चिम बंगाल में प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत वर्ष 2020-21 में 273 और वर्ष 2021-22 के तहत 576 छात्रों का छात्रवृत्ति दी गई।
उत्तराखंड में भी संख्या बढ़ी
गुजरात-उत्तराखंड में भी संख्या बढ़ी है। उत्तराखंड ने 2020-21 में 18,621 छात्रों को प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत 7.4 और 2021-22 में 21 हजार 812 छात्रों को 10.48 करोड़ रुपए दिए गए। गुजरात में वर्ष 2020-21 में 21 हजार 289 छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दी गई, जबकि वर्ष 2021-22 में 23 हजार 519 छात्रों को 12.82 करोड़ रुपये दिए गए।
आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति पाने वालों की संख्या में करीब एक लाख की वृद्धि हुई है। 2020-21 में सात लाख 47 हजार 354 छात्रों का छात्रवृत्ति दी गई थी, जबकि 2021-22 में आठ लाख 42 हजार 938 छात्रों को 317 करोड़ की स्कॉलरशिप दी गई। प्रदेश में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप भी बढ़ी हैं। 2020-21 में छात्रों को 81.22 करोड़ और 2021-22 में एक लाख 34 हजार 433 छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत सौ करोड़ से अधिक दिए गए।
बारिश का दौर दो दिन जारी रहेगा, कई राज्यों में अलर्ट
नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्वी और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ राज्यों में अभी दो दिन बारिश का दौर जारी रहेगा। गंगीय पश्चिम बंगाल पर गहरा दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है, जिससे अगले दो दिनों तक पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्र, झारखंड, ओडिशा, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पूर्वी मध्य प्रदेश में 16 से 18 सितंबर के बीच बहुत भारी बारिश की संभावना है। उत्तराखंड में 17 सितंबर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 17 और 18 सितंबर को भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा दक्षिण भारत के राज्यों की बात करें तो तटीय कर्नाटक, केरल में इस हफ्ते तक बारिश जारी रहने वाली है। तेलंगाना में अगले सात दिन के दौरान अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने या गरज के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। ओडिशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में 16 सितंबर को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 16 और 17 सितंबर को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।
प्रयागराज में गंगा-यमुना खतरे के निशान के करीब पहाड़ों और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और केन, बेतवा तथा चंबल नदियों का पानी पहुंचने से तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे खतरे के निशान की ओर बढ़ चला है।
हिमाचल प्रदेश में भी बारिश की संभावना
शिमला, एजेंसी। हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने राज्य के छह जिलों में रविवार और बुधवार को अलग-अलग स्थानों पर तेज हवाएं चलने और गरज के साथ बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही राज्य में 21 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने बताया कि राज्य के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश जारी रही और शनिवार शाम से कसौली में सबसे अधिक 53 मिमी बारिश दर्ज की गई।
शिक्षकों का शौचालय को लेकर अभियान
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने स्टाफ के लिए अलग शौचालय को लेकर रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर अभियान चलाया, जिसे बड़ी संख्या में शिक्षकों ने अपना समर्थन दिया। इस मुहिम की शुरुआत बरेली के भोजीपुरा ब्लॉक में कार्यरत शिक्षिका नीतू चौधरी ने की। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर यह मांग उठाकर अभियान की शुरुआत की तो जिले के अन्य शिक्षक भी मांग को जायज मानते हुए उसमें शामिल हो गए। फिर कौशांबी के शिक्षकों ने स्टाफ के लिए अलग शौचालय और नियमित सफाईकर्मी की मांग उठाई।
एलयू का दीक्षांत आज, 198 को मिलेंगे पदक
लखनऊ, कासं। लखनऊ विश्वविद्यालय के 67वां दीक्षांत समारोह 16 सितंबर सोमवार को आयोजित होगा। इसकी तैयारियां पिछले एक सप्ताह से चल रहीं हैं। मुख्य अतिथि पद्मभूषण डॉ. विजय पांडुरंग भटकर तथा अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी।उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय तथा राज्यमंत्री रजनी तिवारी विशिष्ट अतिथि होंगे। समारोह में 198 छात्र-छात्राओं को विभिन्न पदक तथा 10,6306 को डिग्री दी जाएगी। डिग्री पाने वालों में संबद्ध कॉलेजों के भी विद्यार्थी शामिल हैं। रविवार को डिग्री और पदकों की संख्या जारी की गई है। परिसर के कला प्रांगण में समारोह के लिए भव्य पंडाल तैयार किया जा चुका है। करीब 1500 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। यूट्यूब पर कार्यक्रम का लाइव प्रसारण होगा। दीक्षांत समारोह के लिए रूट प्लान जारी किया है। प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी के मुताबिक सबके लिए अलग गेट से एंट्री तय की है। विद्यार्थी और आमंत्रित सदस्यों को आमंत्रण पत्र देखकर ही जाने दिया जाएगा। गेट नंबर दो से कार्य परिषद सदस्य, विशिष्ट, अति विशिष्ट, मंत्री, अफसरों का प्रवेश होगा।
ये होगा ड्रेस कोड
पुरुष अधिकारी, शिक्षक, प्राधिकारी बंद गले का काला कोट-पैंट, काला जूता पहनेंगे। महिलाएं गोल्डेन बॉर्डर क्रीम सिल्क साड़ी व क्रीम ब्लाउज। छात्राएं साड़ी और छात्र कुर्ता-पैजामा पहनेंगे।
कुल डिग्री 106306 छात्राएं 62111 छात्र 44195
एलयू कैंपस: (पीएचडी समेत) 74049 3418 3631
एलयू (न्यू कैंपस) 36877 23122 13745
हरदोई 19039 8753 10286
लखीमपुर खीरी 13019 8059 4970
रायबरेली 15171 9351 5820
सीतापुर 15151 9445 5706
शिक्षक व अभिभावक संवारेंगे बच्चों का भविष्य
सिद्धार्थनगर। अब अभिभावकों के साथ परिषदीय स्कूल के शिक्षक शैक्षिक स्तर सुधारने की योजना को अमलीजामा मिल बैठकर बनाएंगे। इसके लिए जिले के 2262 परिषदीय विद्यालयों में योजना बनाकर अभिभावकों संग बैठक की रूपरेखा भी तय की जा रही है। बैठकों के माध्यम से बच्चों के सुनहरे भविष्य को संवारने के साथ ही विद्यालय के सर्वांगीण विकास को लेकर भी विशेष पहल की जाएगी। आठ बिंदुओं पर पैनी नजर रखेंगे।परिषदीय शिक्षा व स्कूलों की व्यवस्था से अब अभिभावक सीधे जुड़ेंगे। इसके लिए प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक-अभिभावक की बैठक होगी। इस व्यवस्था से बच्चों की शिक्षा में सुधार होगा। इसके अलावा स्कूलों में अभिभावक डेस्क भी बनेगा।
परिषदीय स्कूलों में होगा रोड सेफ्टी क्लब का गठन
सड़क दुर्घटना रोकने के लिए जागरूक होंगे विद्यार्थी
सप्ताह में एक पीरियड यातायात के नाम रहेगा
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों के प्रति अब शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग की अहम भूमिका होगी। जिले के परिषदीय विद्यालयों में रोड सेफ्टी क्लब का गठन होगा। खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से ब्लॉकों व शहरी क्षेत्र में स्थित परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को रोड सेफ्टी क्लब का गठन किए जाने को लेकर आदेश भी जारी कर दिया है।सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जनहानि को रोकने को लेकर अब परिषदीय स्कूलों की मदद ली जाएगी। परिषदीय स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब गठित करने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी किया है। मास्टर ट्रेनर के माध्यम से शिक्षकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके बाद यह शिक्षक छात्रों, अभिभावकों, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों आदि को यातायात के नियम बताएंगे। साथ ही जिले के परिषदीय विद्यालयों की दीवारों में यातायात जागरूकता से जुड़े नियमों को लिखवाया जाएगा।परिवहन विभाग की ओर से रोड सेफ्टी क्लब के माध्यम से समय-समय पर यातायात नियमों से जुड़ी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। रोड सेफ्टी क्लब में शामिल होने वाले छात्र, अभिभावक व विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य अपने क्षेत्र में लोगों को यातायात नियमों के प्रति सचेत करेंगे ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके।
ऐसे काम करेगा रोड सेफ्टी क्लब
परिषदीय स्कूलों में जो रोड सेफ्टी क्लब गठित किए जाएंगे, उनमें प्रधानाध्यापक को अध्यक्ष बनाया जाएगा जबकि एक अध्यापक को सदस्य सचिव, विद्यालय प्रबंध समिति का एक प्रतिनिधि, दो अभिभावक व कक्षा छह से आठवीं तक के प्रत्येक कक्षा से एक छात्र को सदस्य बनाया जाएगा। जो सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करेंगे।
परिषदीय विद्यालयों में रोड सेफ्टी क्लब का गठन किया जा रहा है। परिवहन विभाग की भी इसमें भूमिका रहेगी। रोड सेफ्टी क्लब के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा। -देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए
छ्ठवें दिन भी धरने पर डटे रहे विधायक, बोले- एसपी को हटाएं
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता।शोहरतगढ़ से अपना दल एस के विधायक विनय वर्मा का शहर की नगर पालिका के सामने गांधी प्रतिमा के समक्ष एसपी को हटाने की मांग को लेकर रविवार को छठवें दिन भी धरना जारी रहा। विधायक मंगलवार की शाम से धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि एसपी के हटने तक धरना जारी रहेगा।विधायक ने कहा कि शोहरतगढ़ व ढेबरुआ पुलिस कार्यकर्ताओं को धमका रही है। जो भी मुझे समर्थन दे रहा है पुलिस उसे प्रताड़ित करने की कोशिश कर रही है। हमने सारी बातों की जानकारी डीएम को दे दी है। उन्होंने कहा कि अगर मेरे किसी भी कार्यकर्ता को किसी भी तरह की क्षति होती है तो इसकी जिम्मेदार पुलिस प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस लोगों के सहयोग के लिए होती है न कि उत्पीड़न के लिए। अगर पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो पूरा जिला धरने में बैठा जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस के लोग मुख्यमंत्री की छवि खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से लगाया गया एक भी आरोप गलत नहीं हैं। जनता की पीड़ा को लेकर धरने पर बैठा हूं जब तक एसपी हट नहीं जाएंगी तब तक धरना जारी रहेगा।
दो सभासदों ने समर्थन से किया इनकार
नगर पंचायत बढ़नी बाजार के दो महिला सभासदों दीपमाला व आसमा खातून ने शनिवार को पुलिसिया उत्पीड़न व भ्रष्टाचार के विरुद्ध शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा के धरने को समर्थन दिया। वह शनिवार रात तक पलट गईं। उनका कहना है कि एक सभासद ने यह कह कर साइन कराया और मुहर लगवा लिया कि सभासद संघ की बैठक है। मेरा किसी भी राजनीतिक धरने से कोई सरोकार नहीं है।
अनुपस्थित चल रहे 20 शिक्षकों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार
सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता।बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक विद्याल, कंपोजिट स्कूलों में तैनात 20 शिक्षकों के लंबे समय से अनुपस्थित की रिपोर्ट को बीएसए ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने ऐसे शिक्षकों को अंतिम अवसर देते हुए 15 दिवस के भीतर विद्यालय पर उपस्थित होने का निर्देश दिया है, अन्यथा की स्थिति में सेवा समाप्ति की कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे शिक्षकों में बढ़नी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय उतरौला के बृजेंद्र सिंह, प्राथमिक विद्यालय पकड़हिवा के संदीप द्विवेदी, प्राथमिक विद्यालय प्रतापपुर के राकेश प्रताप सिंह, प्राथमिक विद्यालय तिरछहवा के राकेश चौहान, प्राथमिक विद्यालय सेमरहवा की सुमन, प्राथमिक विद्यालय कोटिया के संतोष कुमार पांडेय शामिल हैं। वहीं खेसरहा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पचमोहनी की ममता चौहान, पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगवा के प्रशांत उपाध्याय, प्राथमिक विद्यालय निखोरिया के मायापति त्रिपाठी, मिठवल के प्राथमिक विद्यालय रामनगर की लक्ष्मी चौहान, भनवापुर के प्राथमिक विद्यालय बघहमरवा के विनय कुमार, डुमरियागंज के प्राथमिक विद्यालय भालूकोनी की नीतू सिंह भी हैं। कंपोजिट विद्यालय परसा जमाल के नरेंद्र कुमार मिश्र, कंपोजिट विद्यालय बेंवा हुसेन की सायरा खातून, कंपोजिट विद्यालय भानपुर मस्जिदिया के निशांत राजू, पूर्व माध्यमिक विद्यालय समड़ा के धर्मेन्द्र कुमार सिंह, खुनियांव के प्राथमिक विद्यालय पारसडीह के राजेंद्र सिंह, उस्का बाजार के पूर्व माध्यमिक विद्यालय दतरंगवा की विदुशी शर्मा, लोटन क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय खखरा के अजय कुमार तिवारी, जोगिया के पूर्व माध्यमिक विद्यालय खेतवल मिश्र की श्वेता मिश्रा शामिल हैं। बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि संबंधित ब्लॉकों के खंड शिक्षा अधिकारियों की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर अंतिम अवसर देते हुए 15 दिन के भीतर विद्यालयों में उपस्थिति के साथ ही स्पष्टीकरण बीएसए कार्यालय में देने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
सभी डॉक्टरों को मिलेगी विशिष्ट पहचान संख्या
नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने हाल में शुरू किए गए पोर्टल पर भारत में प्रैक्टिस करने के पात्र सभी एमबीबीएस डॉक्टरों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कवायद के तहत सभी डॉक्टरों को एक विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी।नेशनल मेडिकल रजिस्टर रजिस्टर (एनएमआर) एक डेटाबेस है, जिसमें केंद्रीयकृत रूप से सभी पंजीकृत डॉक्टरों की जानकारी दर्ज होगी और उनकी प्रामाणिकता आधार आईडी द्वारा सत्यापित की जाएगी।एनएमसी के सचिव डॉ. बी. श्रीनिवास ने बताया कि एनएमआर तत्काल प्रभाव से पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिनर्स (आरएमपी) के पंजीकरण के लिए तैयार है। एनएमसी ने हाल में एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि भारतीय चिकित्सा रजिस्टर (आईएमआर) पर पंजीकृत सभी एमबीबीएस डॉक्टरों को एनएमआर पर फिर से पंजीकरण कराना होगा। एनएमसी द्वारा सत्यापन के बाद एक विशिष्ट एनएमआर आईडी जारी की जाएगी।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए 15 दिसंबर को दिल्ली में अधिवेशन
लखनऊ।नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नई दिल्ली में 15 सितंबर को हुई। इसमें पुरानी पेंशन बहाली को लेकर 15 दिसंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन करने का निर्णय लिया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु की अध्यक्षता तथा राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञा के संचालन में हुई बैठक में सभी प्रदेशों के अध्यक्षों और महासचिवों ने हिस्सा लिया। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डीएन सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामानुज पलेला व वी शांताराम, सचिव नीरज त्रिपाठी, राष्ट्रीय सचिव अमरीक सिंह भी रहे। इसमें फैसला हुआ कि 26 सितंबर को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर यूपीएस/ एनपीएस के खिलाफ मार्च
26-27 अक्तूबर को दो दिन हो सकती है पीसीएस 2024 प्री
प्रयागराज।उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस 2024) प्रारंभिक परीक्षा दो दिन 26 और 27 अक्तूबर को कराई जा सकती है। आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से सभी जिलाधिकारियों को 27 अक्तूबर को परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों की सहमति उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गई थी, लेकिन अब तक आवेदन करने वाले 5,76,154 अभ्यर्थियों के लिए अपेक्षित संख्या में केंद्रों की सहमति नहीं मिल सकी है। इसके चलते आयोग यह परीक्षा अब दो दिन 26 और 27 अक्तूबर को दो पालियों (09:30 से 11:30 बजे तक व 2:30 से 4:30 बजे तक) कराने पर विचार कर रहा है। सचिव ने 13 सितंबर को सभी डीएम को भेजे पत्र में जिन विद्यालयों की सहमति 27 अक्तूबर के लिए उपलब्ध कराई गई है उन्हीं विद्यालयों की सहमति 26 अक्तूबर के लिए भी अनिवार्य रूप से 18 सितंबर तक उपलब्ध कराने को कहा है।हालांकि आयोग की कोशिश है कि 27 अक्तूबर को एक दिन में ही परीक्षा संपन्न करा ली जाए। इसके लिए महाविद्यालयों से भी सहमति लेने की कोशिश हो रही है। पहले प्रारंभिक परीक्षा 17 मार्च को प्रस्तावित थी, लेकिन आरओ/एआरओ पेपर लीक के कारण आयोग ने तीन जून को संशोधित कैलेंडर जारी करते हुए 27 अक्तूबर को परीक्षा कराने का निर्णय लिया था।
सहूलियत:यूपीआई लाइट खाते में बैंक से राशि खुद जमा होगी
नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) जल्द ही यूपीआई लाइट के ग्राहकों के लिए ऑटो टॉप-अप सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसके जरिए उपयोगकर्ता को अपने बैंक खाते से बार-बार यूपीआई लाइट में रकम जमा करने की जरूरत नहीं होगी। रकम स्वत ही यूपीआई वॉलेट में जमा हो जाएगी। नई सुविधा 31 अक्तूबर से शुरू होजाएगी।एनपीसीआई ने हाल ही में इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक, ग्राहक अपने यूपीआई लाइट खाते में अपनी पसंद की राशि फिर से जमा करने के लिए ऑटो टॉप-अप विकल्प का इस्तेमाल कर सकेंगे। ग्राहक किसी भी समय इस सुविधा को बंद भी कर सकते हैं।छोटे भुगतान के लिए यूपीआई लाइट की सुविधा शुरू की गई है। इसके जरिए 500 रुपये तक के भुगतान के लिए यूपीआई पिन की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि, इससे ज्यादा राशि का भुगतान करने पर यूपीआई पिन दर्ज करना जरूरी होता है।
निश्चित राशि तय करनी होगी
इस सुविधा में ग्राहक को बैंक खाते से यूपीआई लाइट खाते में आने वाली एक निश्चित राशि तय करनी होगी। यदि किसी ग्राहक ने टॉप-अप के तौर पर 1000 रुपये की सीमा निर्धारित की है तो जैसे ही यूपीआई लाइट वॉलेट में बैलेंस खत्म होगा वैसे ही 1000 रुपये खुद से उसमें जुड़ जाएंगे। यूपीआई के जरिए ऑनलाइन भुगतान करने वालों को इससे काफी आसानी होगी।
अधिकतम इतनी राशि जुड़ेंगी
यूपीआई लाइट में राशि रखने की अधिकतम सीमा 2,000 रुपये है। इसका मतलब है कि ग्राहक एक बार में 2,000 रुपये का ही ऑटो-टॉप कर सकते हैं।
पांच लाख तक का भुगतान करने की सुविधा शुरू
यूपीआई के माध्यम से विशिष्ट श्रेणियों में पांच लाख रुपये तक का भुगतान करने की सुविधा 15 सितंबर से शुरू हो गई है। एनपीसीआई ने हाल में ही भुगतान की सीमा को बढ़ाया था। इनमें प्रमाणित व्यापारियों के लिए कर भुगतान, अस्पताल के बिल, शैक्षणिक संस्थानों में फीस, आईपीओ और सरकारी प्रतिभूतियों में भुगतान शामिल हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने बैंकों/ पीएसपी/यूपीआई ऐप्स को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
गेट’ के आधार पर बिजली कंपनियों में अब एई की भर्ती
लखनऊ, विशेष संवाददाता। सेतु निगम के बाद अब उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने भी तय किया है कि निगम और सहयोगी संस्थाओं में सहायक अभियंताओं की भर्ती सीधे ‘गेट’ (ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग) में अभ्यर्थियों को मिले अंकों के आधार पर की जाएगी।‘गेट’ मेरिट के आधार पर भर्ती करने वाली अन्य संस्थाओं की भांति यहां भी भर्ती के लिए अलग से कोई परीक्षा नहीं ली जाएगी।‘गेट’ परीक्षा की विश्वसनीयता अधिक है। जिसकी वजह से ओएनजीसी, बीएचईएल, एनटीपीसी आदि संस्थाओं द्वारा इस परीक्षा के माध्यम से इंजीनियरों की भर्ती की जाती है। यह परीक्षा मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार और राष्ट्रीय समन्वय बोर्ड द्वारा आईआईटी के सहयोग से कराई जाती है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल इस व्यवस्थओं से बिजली कंपनियों में सहायक अभियंताओं की भर्ती में मेधावियों का चयन पारदर्शी तरीके से हो सकेगा।उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के साथ ही सहयोगी कंपनियां पावर ट्रान्समिशन कारपोरेशन, स्टेट लोड डिस्पैच सिस्टम, राज्य विद्युत उत्पादन निगम में भी यह व्यवस्था लागू की गई है। चेयरमैन ने बताया है कि आने वाले दिनों में सहायक अभियंता (प्रशिक्षु)के पदों पर होने वाली भर्तियों में ‘गेट’ परीक्षा की मेरिट के आधार पर उम्मीदवारों को लिया जाएगा।
सटीक उत्तर लिखें, अनावश्यक कठिन शब्दों से बचें
प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से 2024 की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 20 सितंबर से प्रस्तावित है। मुख्य परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान की ओर से विशेषज्ञों के टिप्स आज से प्रकाशित की जा रही है। स्टडी आईक्यू प्रयागराज के मयंक द्विवेदी ने अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सटीक उत्तर लेखन ही सफलता दिला सकती है। कहा कि अंतिम परिणाम प्राप्त करने के लिए मुख्य परीक्षा में अधिकतम अंक लाना आवश्यक है। यदि आप अपना चयन सुनिश्चित करना चाहते हैं तो आपको मुख्य परीक्षा में परंपरागत उत्तर लेखन से कुछ अलग करना होगा। मुख्य परीक्षा के स्तर पर सभी अभ्यर्थियों का ज्ञान लगभग समान होता है परंतु उत्तर लेखन की कला में बहुत अंतर होता है। आपका ज्ञान और लेखन किसी भी भाषा में आपको सर्वोच्च अंक दिला सकता है।
महत्वपूर्ण टिप्स
● अनावश्यक कठिन शब्दों का चयन ना करें।
● उत्तर लिखते समय प्रश्न को सावधानी से पढ़ें और उसकी मांग को समझें।
● प्रश्न के अनुसार देखें की उसे कितने भागों में बांटकर लिखा जा सकता है।
● उत्तर लेखन में मैपिंग, फ्रेमिंग और बिंदुवार लिख सकते है। इससे अधिक अंक मिल सकते हैं।
● भूमिका और निष्कर्ष को सारगर्भित लिखें, मध्य भाग को प्रश्नानुसार विभाजित करें।
● जिन प्रश्नों पर आपकी पकड़ अधिक है उनको जल्द पूरा कर बचे हुए समय को कठिन प्रश्नों को करने में लगाएं।
● मुख्य परीक्षा में एक प्रश्न पत्र में लगभग 4000 शब्द लिखने होते हैं और 180 मिनट की अवधि मिलती है। ध्यान रहे कि कहीं उत्तर लेखन संतुलित नहीं रहा तो प्रश्न छूट सकते हैं जो ठीक नहीं होता।
● मन को शांत रखें, विचार करते हुए निरंतर लिखते रहें।
● यदि किसी प्रश्न का सही उत्तर नहीं आ रहा तो नए प्रश्न का चुनाव करें और लिखना प्रारंभ करें।
● उत्तर लेखन एक कला है जिसमें तथ्यों और संकल्पनाओं का संयोजन होता है, अत: आपके उत्तर में यह संतुलन दिखना चाहिए।
● यदि आपके पास चार मिनट है और आपको 250 शब्दों का उत्तर लिखना है तो क्या करेंगे? आपको घबराना नहीं है आपको उस उत्तर का फ़्रेम बना ही देना है।
● सबसे बड़ी बात आप बहुत लोगों को पीछे कर यहां तक पहुंचे हैं अपना आत्मविश्वास बनाए रखें।
संस्कृत विद्यालयों की लौटेगी चमक, 13.65 करोड़ जारी
प्रयागराज। प्रदेश सरकार से सहायता प्राप्त और 50 साल से अधिक पुराने माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों की चमक लौटेगी। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत पहली बार इन संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए बजट जारी हुआ है। शासन के उपसचिव संजय कुमार की ओर से 31 अगस्त को जारी पत्र में प्रदेशभर के 130 संस्कृत विद्यालयों के लिए 13.65 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है।खास बात यह है कि जीर्णोद्धार पर होने वाले खर्च का 95 प्रतिशत सरकार और पांच प्रतिशत राशि विद्यालय प्रबंधन को खर्च करनी होगी। पहले सरकार ने जीर्णोद्धार पर आने वाले खर्च की 50 प्रतिशत राशि प्रबंधन के स्तर से वहन करने की शर्त रखी थी। इसके चलते प्रबंधकों ने जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे। यही नहीं 2022 में इस मद में आवंटित 28 करोड़ रुपये की राशि लैप्स हो गई थी। इसी को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शर्तों में बदलाव करते हुए जीर्णोद्धार पर आने वाले खर्च का मात्र पांच प्रतिशत प्रबंध समिति से लेने का प्रावधान किया था। प्रदेश के जिन 130 संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए प्रोजेक्ट अलंकार के तहत बजट जारी हुआ है उसमें प्रतापगढ़ के 24 और कौशाम्बी के 10 स्कूल शामिल हैं।
संस्कृत विद्यालयों के लिए बजट की मंजूरी मिली है। अवस्थापना सुविधाएं बढ़ने पर विद्यार्थियों का आकर्षण भी बढ़ेगा।
पवन कुमार श्रीवास्तव्र
निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं
राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन आज से
प्रयागराज। शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन सोमवार से 15 अक्तूबर तक लिए जाएंगे। 16 से 31 अक्तूबर तक जनपदीय समिति आवेदनों का परीक्षण एवं स्थलीय सत्यापन कर पात्र शिक्षकों का चयन करते हुए मंडलीय समिति को ऑनलाइन संस्तुति भेजेंगी। मंडलीय समिति 15 से 29 नवंबर तक पात्र अध्यापकों का चयन कर निदेशालय स्तरीय चयन समिति को ऑनलाइन प्रस्ताव भेजेगी। राज्य स्तरीय समिति 30 नवंबर से 13 दिसंबर तक चयन की कार्यवाही करेगी और 14 दिसंबर के बाद पुरस्कार वितरण होगा।
78 फीसदी ने दी चिकित्साधिकारी स्क्रीनिंग परीक्षा
प्रयागराज। होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी स्क्रीनिंग परीक्षा-2023 रविवार को लखनऊ के 11 केंद्रों पर संपन्न हुई। दो पालियों में पंजीकृत 10033 अभ्यर्थियों में से 7790 (77.64 प्रतिशत) उपस्थित हुए। सुबह नौ से 11 बजे तक की पहली पाली में पंजीकृत 4760 अभ्यर्थियों में से 3594 (75.5 फीसदी) जबकि तीन से शाम पांच बजे की दूसरी पाली में पंजीकृत 5273 अभ्यर्थियों में से 4196 (79.6 प्रतिशत) शामिल हुए।
स्कूल समय से नहीं आने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
सहारनपुर।जिले के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए बीएसए ने बड़ा फैसला लिया है। बेसिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शिक्षकों को स्कूल समय में कार्यालय ना आने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। व्यवस्था को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया जाएगा।अब कोई भी शिक्षक या प्रधानाध्यापक स्कूल समय में कार्यालय नहीं आएगा। स्कूल समय में कार्यालय आने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूल के समय में नियमित शिक्षण कार्य कराने और बच्चों को अव्वल शिक्षा हासिल कराने के लिए ये पहल की गई है। इसमें लापरवाही बरतने पर स्कूल समय में कार्यालय आने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षण सत्र अप्रैल से शुरू हो गया था। पढ़ाई के लिए कैलेंडर भी जारी किया गया था। उसी के अनुसार पढ़ाई कराई जाएगी ताकि निर्धारित समय अवधि में पाठ्यक्रम पूरा हो जाए। कई विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आई है। जिससे छात्र संख्या में भी कमी आई है।
शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्कूल समय में शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों को कार्यालय आने के लिए मना किया जाएगा। यदि कोई शिक्षक या प्रधानाचार्य स्कूल समय में कार्यालय आएगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। हमारी प्राथमिकता बच्चों को बेहतर शिक्षा देना है।कोमल, बीएसए सहारनपुर
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