हाईकोर्ट ने सिविल सेवा सर्विस के दस्तावेजों की जांच करने के दिए आदेश, दुष्कर्म मामले में हो रही सुनवाई.
हाईकोर्ट ने
जबलपुर। दुष्कर्म के आरोप में झूठा बताते हुए दर्ज एफआईआर को निरस्त किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में सिविल सर्विस उत्तीर्ण किये जाने के दस्तावेज प्रस्तुत किये इस पर अनावेदक पीड़िता की तरफ से कोर्ट में पेश किए गये दस्तावेजों को फर्जी बताया गया है जस्टिस विशाल धगट ने सरकार को निर्देशित किया है कि इन दस्तावेजों की जांचकर 15 दिनों में रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें।
याचिका में एफआईआर को निरस्त करने की मांग
नरसिंहपुर निवासी वीर सिंह राजपूत की तरफ से हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि महिला थाने में अनावेदक ने बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई है याचिका में मांग की गयी है कि एफआईआर को निरस्त किया जाये याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सिविल सर्विस परीक्षा उत्तीर्ण किये जाने के दस्तावेज भी प्रस्तुत किये हैं याचिकाकर्ता की तरफ से पेश दस्तावेज में बताया गया है कि उसने साल 2019 में सिविल सर्विस परीक्षा उत्तीर्ण की है वर्तमान में वह प्रोवीजन नियुक्ति पर है और उसका तबादला जम्मू-कश्मीर से मध्य प्रदेश हुआ है उसकी नियुक्ति आईपीएस के रूप में हुई है और इस प्रकरण के कारण उसका भविष्य खतरे में है इस कारण उसके खिलाफ दर्ज बलात्कार की झूठी रिपोर्ट को निरस्त किया जाए।
पेश किए गए दस्तावेज को बताया फर्जी
पीड़िता की तरफ से याचिकाकर्ता द्वारा पेश किये गये दस्तावेजों को फर्जी बताते हुए कहा गया कि पिछले 2 साल की सूची में वीर सिंह राजपूत नाम का कोई अधिकारी चयनित नहीं हुआ है न्यायालय की सहानुभूति पाने याचिकाकर्ता की तरफ से ऐसा किया गया है पीड़िता की तरफ से पेश आपत्ति को गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने आदेश जारी करते हुए सरकार को निर्देशित किया है कि इन दस्तावेजों की जांचकर 15 दिनों में रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें याचिका पर अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
Comments
Post a Comment