महाकुम्भ हादसे पर भावुक हुए सीएम योगी, न्यायिक जांच के दिए आदेश

पत्रकारों को महाकुम्भ हादसे की जानकारी देते हुए सीएम योगी की आंखें हुईं नम, मुख्यमंत्री ने दिए न्यायिक जांच के आदेश, 3 सदस्यीय आयोग का किया गठन, पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे आयोग के अध्यक्ष, पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह कमेटी में शामिल, घटना की गहराई से होगी जांच, पुलिस भी हादसे के कारणों की करेगी जांच, मुख्य सचिव और डीजीपी गुरुवार को जाएंगे प्रयागराज, घटना की करेंगे समीक्षा,मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए के मुआवजे का भी किया ऐलान

स्पेशल रिपोर्ट: पवन विश्वकर्मा, 
स्टेट हेड, Live Media Digital Network 

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ हादसे को लेकर बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा, "भारी भीड़ और बैरिकेड्स टूटने के कारण यह दुखद हादसा हुआ।" मुख्यमंत्री ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे, जबकि पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह को आयोग में शामिल किया गया है। यह आयोग एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा। पुलिस भी मामले की जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। यही नहीं, गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी भी प्रयागराज जाकर घटना की समीक्षा करेंगे। 

मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा 

मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, "प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ? इसकी गहन जांच होगी।" सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹25-25 लाख की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजीपी को गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वे हालात का जायजा लेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे।

हादसे से मर्माहित सीएम योगी

घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भावुक हो गए और बोले, "इतनी तैयारियों के बावजूद यह हादसा बेहद दुखद है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।" उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम 7 बजे से ही काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन प्रयागराज पहुंचकर स्नान भी कर रहे थे और काफी बड़ी संख्या में ब्रह्म मुहूर्त का भी इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान अखाड़ा मार्ग पर संगम तट पर यह हादसा हुआ। यह हादसा भारी भीड़ के द्वारा अखाड़ा मार्ग के बैरिकेड्स को तोड़ने और उसके बाद उससे कूदकर जाने के कारण हुआ है, जिसमें 30 के आसपास लोगों की मृत्यु हुई है। 36 घायलों का प्रयागराज में उपचार चल रहा है। शेष घायलों को उनके परिवार से सदस्य लेकर चले गए हैं। 

हादसे की तह में जाने की आवश्यकता

सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज में बुधवार को 8 करोड़ से अधिक लोगों का दबाव था। यद्यपि अगल बगल के जनपदों मिर्जापुर, भदोही, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशांबी, में भी होल्डिंग एरिया बनाकर श्रद्धालुजनों को रोका गया था, जिन्हें अखाड़ों का अमृत स्नान संपन्न होने के बाद रिलीज किया गया है। रेलवे स्टेशनों पर भी लगातार दबाव बना रहा। रेलवे ने भी इस दौरान रूटीन और मेला स्पेशल को मिलाकर लगभग 300 से अधिक ट्रेनें चलाई हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भी 8000 से अधिक बसें संचालित की हैं। ये सभी घटनाएं मर्माहत करने वाली भी हैं और एक सबक भी हैं, लेकिन हादसे की तह में भी जाने की आवश्यकता है।

सीएम योगी ने महाकुंभ दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

महाकुंभ के भगदड़ में 30 श्रद्धालुओ को हुई मौत-विजय किरन आनंद मेला अधिकारी। महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के पर्व पर हुई भगदड़ का मामला, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद और डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने की प्रेस ब्रीफिंग, बताया कि ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं की भीड़ संगम मनोज की तरफ बढ़ गई थी, रात 1:00 बजे से 2:00 बजे के बीच भीड़ बढ़ने लगी थी, अखाड़े के कुछ बेनिफिट तोड़कर श्रृद्धालु नीचे जमीन पर सो रहे थे, उनके ऊपर दूसरे श्रृद्धालु अफरा तफरी में चढ़ गए जिससे नीचे सोए हुए श्रृद्धालु कुचल गए, तत्काल ग्रीन कॉरिडोर बनाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को अस्पताल में पहुंचा गया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रृद्धालुओं की मौत हो गई, अभी पांच मृतकों की पहचान की जानी है, कर्नाटक के चार,असम के एक गुजरात के एक श्रृद्धालु शामिल है, 36 घायलों का इलाज मेडिकल कॉलेज के एस आर एन अस्पताल में चल रहा है, कुछ घायलों को लेकर परिजन घर चले गए हैं, मेला प्रशासन की ओर से श्रृद्धालुओं की ओर से हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है, इस नंबर पर घायलों के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है, डीआईजी महाकुंभ वैभव कृष्ण के मुताबिक महाकुम्भ मेले में स्थिति सामान्य है, सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी शंकराचार्यों,महामंडलेश्वरों और अखाड़ों से वार्ता कर आग्रह किया गया है, कि सभी इस अमृत स्नान के भागीदार बनें, इसके बाद पूज्य शंकराचार्यों और अखाड़ों के द्वारा श्रृद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए अमृत स्नान किया गया है, आज का अमृत स्नान सकुशल संपन्न कराया गया, आज मौनी अमावस्या पर शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा, आगे भी जो मुख्य स्नान पर्व हैं उसमें कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने मृतकों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है, उन्होंने कहा है कि अब प्राथमिकता है जो लोग महाकुम्भ मेले में आए हैं उन्हें स्नान कराकर सकुशल वापस भेजना है।

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